पंद्रह साल के एक डच किशोर को एक स्कूली बच्ची की हत्या के आरोप में एक वर्ष सुधार गृह में रहने की सज़ा सुनाई गई है.
इस किशोर ने स्वीकार किया है कि सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर शुरू हुए झगड़े की वजह से उसने बच्ची की हत्या कर दी.
जिन्हुआ के नाम का ये किशोर जब 14 साल का था तो उसने जॉयस विन्सी की उसके घर में चाकू मार कर हत्या कर दी थी.
इस हत्या के सिलसिले में एक किशोर जोड़े को अगले महीने गवाही के लिए बुलाया गया है.
आरोप है कि इन्होंने ही जॉयस विन्सी की हत्या का आदेश दिया था.
जिन्हुआ को अदालत ने पूर्वी शहर अर्नहम में किशोरी के पिता की हत्या की कोशिश करने का भी दोषी करार दिया है.
उन्हें एक साल युवा सुधार केंद्र में बिताने की सज़ा के साथ ही तीन साल एक मनोचिकित्सा संस्थान में बिताने का आदेश भी दिया गया है.
झगड़े की शुरुआत
कोर्ट को दी गई जानकारी के मुताबिक दो स्कूली दोस्तों पॉली डब्ल्यू और जॉयस विन्सी के बीच झगड़े की शुरुआत तब हुई जब जॉयस ने पॉली के फेसबुक वॉल पर कुछ कॉमेंट पोस्ट कर दिया.
डच मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक पॉली डब्ल्यू और उनके ब्वॉय फ्रेंड ने फेसबुक कॉमेंट से नाराज़ होकर जिन्हुआ को जॉसय विन्सी के घर का पता दे दिया और ये बताने को कहा कि वो घर पर कब मौजूद रहेगी.
जिन्हुआ, जिनका कुलनाम डच कानून की बाध्यता की वजह से नहीं दिया गया है, उन्होंने अदालत से अपने किए के लिए माफी मांगी है.
उन्होंने अपने बयान में कहा है कि पॉली डब्ल्यू ने उनपर ऐसा करने के लिए दबाव बना दिया और वो उसके कहे की अवहेलना करने की स्थिति में नहीं थे.
विशेषज्ञों का कहना है कि जिन्हुआ व्यवहार संबंधी गंभीर विकार से पीड़ित थे.
जज ने अदालत को बताया कि जिस तरह से किशोरी की हत्या हुई है उससे आसपड़ोस, शहर और देश में गंभीर सदमे का माहौल है.
उधर, मृत जॉयस विन्सी के पिता ने कहा है कि उन्होंने अपनी एक बेटी खो दी है और उसके हत्यारे को केवल एक साल की सज़ा दी गई है जो कि सरासर नाइंसाफी है.