पुराने एवं जीर्ण शीर्ण छात्रावासों व स्कूलों के मरम्मत के प्रस्ताव आगामी बजट में शामिल किए जाएंगे
उदयपुर, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा संचालित आश्रम छात्रावास एवं आवासीय विद्यालयों के ऐसे भवन जो इतने पुराने हो गए हैं और जर्जर अवस्था में है कि नया भवन बनाने के अतिरिक्त कोई दूसरा विकल्प नही है तथा जिन भवनों की मरम्मत संभव है उनके लिए आगामी वित्तीय वर्ष २०१३-१४ के बजट प्रावधान इसी माह लिए जाएंगे। इस दृष्टि से संभागीय आयुक्त एवं जनजाति क्षेत्रीय विकास आयुक्त डॉ सुबोध अग्रवाल ने संभाग के सभी जिला कलक्टरों को सार्वजनिक निर्माण विभाग अथवा अन्य अभियन्ताओं से ऐसे भवनों का सर्वे कराने के निर्देश प्रदान किए हंै।
संभागीय आयुक्त द्वारा ऐसे भवनों के सर्वे को तीन श्रेणी में रखा गया है। एक श्रेणी में ऐसे भवन जिनके स्थान पर नये भवन बनाए जाने हैं , जीर्णशीर्ण भवन जिनमें ब$डी मरम्मत का कार्य किया जाना है तथा तीसरी श्रेणी में ऐसे भवन जिनमें मरम्मत के छोटे-छोटे कार्य आवश्यक है तथा पेयजल व्यवस्था , पेयजल आपूर्ति में सुधार, चारदिवारी की आवश्यकता तथा शौचालय मरम्मत जैसे कार्य आवश्यक हों। सर्वेक्षण के लिए तीनों श्रेणी के लिए अलग-अलग प्रपत्रों में छात्रावास का नाम , सम्बन्धित पंचायत समिति, प्रस्तावित कार्य का विवरण, व्यय की अनुमानित राशि आदि की जानकारी देनी होगी। संभागीय आयुक्त ने यह सर्वे वर्तमान स्थिति की आवश्यकता एवं प्रावधान आगामी तीन वर्षो को ध्यान में रखते हुए करने और रिपोर्ट ३० सितम्बर तक भेजने के निर्देश दिए हैं।