उदयपुर , डूंगरपुर जिले के चितरी थानाक्षेत्र स्थित एक तालाब में डूबने से सात मजदूरों की अकाल मौत हो गई। कई पेट में पानी भर जाने से अचेत हो गए। नाव में सवार मजदूर तालाब के उस पार ईंट भट्टïे पर मजदूरी के लिये जा रहे थे। सभी मृतक बंजारा जाति के हैं। हादसे की सूचना पर कलेक्टर पूनम, एसपी डान के. जोस सहित सभी आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। गोताखोंरो ने सभी शव बाहर निकल दिए है। कलेक्टर ने मृतकों के परिजनों को नियमानुसार आर्थिक सहायता की घोषण की है।
एस.पी. डान के. जोस ने बताया कि उक्त हादसा आज प्रात: करीब 8.30 बजे यहां बाबा की बार तालब में हुआ। एसपी ने बताया कि नाव में करीब 18 लोग सवार थे, जिसमें 7 की डूबने से मृत्यु हुई, जबकि कई लोग जो तैरने में पारंगत थे वे बाहर निकल आए। कुछेक अचेत है जिन्हें निकटतम अस्पताल ले जाया गया है। मृतकों की शिनाख्त कर ली गई है। थाने के एएसआई गोपाल सिंह ने बताया कि हादसे में महुआ निवासी सुशीला पुत्र वक्ता, चिमा पुत्र बबला, सुशीला पुत्री मंदौर, कल्पेश पुत्र फतह सिंह, अल्पा पुत्र नाथू एवं कपिला पुत्री रामचन्द की डूबने से मृत्यु र्हु। तैर कर बाहर निकल आए लोगों ने पुलिस को बताया कि नाव में करीब 18 लोग सवार थे। महुआ आला के बंजारा जाति के यह मजदूर प्रतिदिन लकड़ी की नाव में तालाब के उस पार इण्डेलिया गांव में ईट भट्टïे पर मजदूरी में लिये जाते थे। मजदूरों के अधिकांश युवा और युवतियां थी।
जांच के निर्देश: मौके पर पहुंचे आला अधिकारीयों ने नाव हादसे की वजह अभी पता नहीं चली है। लकड़ी की इस नाव में संभवत: कुछ मजदूर का वजन एक तरफ ज्यादा था। इस कारण नाव अनियंत्रित हो गई और पलट गई। हालांकि प्रशासन के अधिकारी ने रोजाना इस तरह तालाब पार करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के बारे में पूछने पर कोई स्पष्टï जवाब नहीं दे पाए। कलेक्टर पूनम ने उक्त हादसे की जांच के निर्देश दिए है। साथ ही मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार के नियमानुसार आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। कलेक्टर पूनम ने अपरान्ह को बताया कि वह सूचना पर मौके पर पहुंची है तथा घटना के बारे में जानकारी ली जा रही है, प्रभावित मजदूरों के परिजनों को सहायता मुहैैया कराई जा रही है।