उदयपुर, प्रयत्न समिति उदयपुर एवं प्रयास संस्थान चित्तौड के संयुक्त तत्वावधान में आस्था संस्था में दो दिवसीय कार्यशाला समस्त नागरिकों हेतु निशुल्क उपचार के अधिकार के लिए राष्ट्रीय अभियान का आयोजन हुआ जिसमें स्वैच्छिक संस्थाओं के लोगों की मुख्यमंत्री निशुल्क योजना, स्वास्थ्य अधिकार और चुनौतियों पर चर्चा की गई। गोष्ठी को संबोधित करते हुए इण्डियन इंस्टीटयूट ऑप* मेडीकल हेल्थ एण्ड रिसर्च के डा.निर्मल गुरनानी ने कहा कि २०० देश भारत से विभिन्न तरह की जैनेरिक दवाईयां खरीदते है औ यहां ५२०० करो$ड रूपये की दवाओं की खपत के बावजूद ६५ प्रतिशत लोगों को आवश्यक दवाईयां उपलब्ध नहीं है। कार्यशाला में प्रयास संस्थान के डा.नरेन्द्र गुप्ता ने बताया कि दुसरे देशों की तुलना मे हमारी सरकार आज भी स्वास्थ्य पर सबसे कम खर्च करती है। तथा लोगों की जेब से स्वास्थ्य पर खर्चा ज्यादा हो रहा है। मुख्य अतिथि जिला प्रजनन शिशु स्वास्थ्य अधिकारी ने मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना की जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान सरकार ने ४०० तरह की दवाईयां आवश्यक औषधियों में सम्मिलित किया है। जिला स्तर पर १५०-२०० तरह की दवाईयां, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ८० से १०० तरह की एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ४०-५० तरह की दवाईयां उपलब्ध रहती है। जिन पर मॉनिटरिंग की आवश्यकता है। कार्यशाला के अन्त में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना की पि*ल्ड स्तर पर आने वाली समस्याओं पर चर्चा की गयी।
’’देश के ६५ प्रतिशत नागरिकों को वांछित दवाईयां उपलब्ध नहीं ’’
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