उदयपुर, राजस्थान की आदिम और लोककलाओं को देशभर के विद्यार्थियों को पढाया जाएगा और उनका व्यावहारिक-प्रायोगिक पक्ष सिखाया जाएगा। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, नोएडा ने अपने १० वीं और १२वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए जिन नई पाठ्य पुस्तकों का पाठ्यक्रम निर्धारित किया है, उनमें राजस्थान की लोककलाओं पर भी पाठ शामिल किए गए हैं। इन पाठों का लेखन लोककला मनीषी डॉ. महेंद्र भानावत और साहित्यकार डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू करेंगे।
नोएडा में १७ से १९ अप्रैल तक हुई पाठ्य पुस्तक लेखकों की विशेष बैठक में इन पाठों का स्वरूप तय कर दिया गया। डॉ. भानावत और डॉ. जुगनू राजस्थान की लोक एवं आदिवासी कलाओं के अंतर्गत सांझी निर्माण कला, मांडणा, फड और पिछवाई चित्रकला पर सैद्घांतिक और प्रायोगिक पाठों का लेखन करेंगे।