उदयपुर , नगर परिषद् द्वारा आयोजित दिवाली मेले में प्रशासन की ताना शाही साफ नजर आई 10 बजते ही पुलिस वालो ने अपना रोब दिखाना शुरू कर दिया और संस्कृतिक संध्या को 10 बजे बाद बंद करने का फरमान दे डाला जिससे शहर के बच्चे जो पिछले कई दिनों से मेहनत कर रहे थे उनके अरमानों पर पानी फिर गया और उन्हें अपनी प्रस्तुति ढंग से नहीं देने दी गयी
मेले का उद्घाटन सोमवार अस्थल आश्रम के महा मंडलेश्वर रास बिहारी शरण , मुख्य अतिथि खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भानु कुमार शाश्त्री ने किया इस अवसर पर शांति लाल चपलोत , विधायक श्रीमती सज्जन कटारा और भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट उपस्थित थे ,उद्घाटन के बाद सभी अतिथियों ने सभापति रजनी डांगी के साथ मेला भ्रमण किया
उद्घाटन समारोह के बाद संस्कृतिक संध्या की शुरुआत हुई अतिथियों ने दीप जला कर कर शुरुआत की , सभापति ने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों का स्वागत किया , स्वागत की रस्म के साथ संस्कृतिक संध्या की शुरुआत साईं बाबा की भक्ति से हुई बाद में छात्र छात्राओं द्वारा वन्दे मातरम की प्रस्तुति के साथ माहोल एक बार देश भक्ति मय होगया , तो अगली ही प्रस्तुति जब कालबेलिया डांस की आई तो सब ” कल्यो कूद पड्या मेला में साईकिल पंचर कर लायो ” पे झूम उठे महिमा के ढोला रे ढोला पर सब मंत्मुग्ध होगये , और जब छोटी सी मिनल ने भवाई नृत्य किया तो महिलाए पार्षद खुद को नहीं रोक पाई और उस छोटी बच्ची के साथ खुद भी नाच उठी ,
प्रशासन की तानाशाही मासूम दिल टूटे
बच्चो की एक के बाद एक मनमोहक प्रस्तुतियों ने दर्शको का दिल झीत रही थी , लेकिन कुछ देर बाद ही पुलिस की सख्ती बच्चो की प्रस्तुति पर कहर बन के टूटी और सब को जल्दी जल्दी में अपनी प्रस्तुतुया देनी पड़ी
जो बच्चे पिछले 15 दिन से तय्यारी कर रहे थे उन पर समय की गाज गिरी इधर पुलिस की और से फरमान आगया की प्रोग्राम जल्दी बन्द करवाओ तो सब को सिर्फ एक , दो मिनट का समय मिला जिसमे बच्चे अपनी प्रतिभा नहीं दिखा सके और जितने जोश के साथ स्टेज पर आते और एक मिनट के बाद ही उन्हें रोक दिया जाता , और बच्चे निराशा के साथ वापस लोट आते , जिन बच्चो ने इतने दिन से मेहनत की थी आज एक झटके में सब मिटटी में मिल गयी और कोई कुछ नहीं कर पाया , आखिर सांस्क्रतिक संध्या को जल्दी जल्दी में निपटाना पड़ा