रेजीडेन्ट डाक्टरों द्वारा मरीज एवं परिजनों से मारपीट मामला
उदयपुर, रेजीडेन्ट डाक्टरों द्वारा मरीज एवं परिजनों से मारपीट से आंदोलित हुई शहर की जनता ने कलेक्ट्री पर मंगलवार को प्रदर्शन किया और शहर के सभी समाजों के सामाजिक, राजनेतिक, गैर राजनेतिक संगठनों ने जमकर प्रदर्शन करते हुए एक आवाज में कहा कि आरोपी डाक्टरों को निलम्बित करों।
उल्लेखनिय है कि पिछले ८ जुलाई को वार्ड नम्बर ६ में भर्ती इन्द्रा कुंवर तथा साथ उसके साथ आए पुत्र जितेन्द्र ङ्क्षसह एवं उसकी पत्नी के साथ रेजीडेन्ट डाक्टरों ने मारपीट की ओर वार्ड के बाहर निकाल दिया। उसके बाद कवरेज करने गए मीडियाकर्मियों से भी मारपीट व कैमरे छिनने के प्रयास किया। इस घटना से राजपूत समाज आक्रोशित हो रेजीडेन्ट डाक्टरों के खिलाप* आंदोलन छेड दिया पिछले हप*ते आरोपित डाक्टरों पर कोई कार्यवाही ना हॉस्पीटल प्रशासन द्वारा की गयी न ही पुलस द्वारा की गयी जबकि हाथीपोल पुलिस थाने में लेकसिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष और जितेन्द्र ङ्क्षसह द्वारा रिपोर्ट दर्ज करवाई गयी थी।
राजपूत समाज की क्षत्रिय महासभा ने सभी शहर के समाजों और संगठनों से समर्थन हांसिल कर मंगलवार को उग्र आंदोलन किया जिसमें शहर के सामाजिक, राजनैतिक, गैर राजनेतिक मजदूर, धार्मिक सहित करीब १५० से अधिक संगठनों के ५००० से अधिक लोगों ने भाग लिया। टाउनहाल पर एकत्र हुए सभी जनता क्षत्रिय महासभा के नेतृत्व में टाउनहाल, देहलीगेट होते हुए कलेक्ट्री पहुंचे ओर वहां प्रदर्शन के बाद सभा में बदल गयी लेकिन डाक्टरों की ज्यादती से युवा इतने आक्रोशित थे कि सभा के बीच में ही प्रदर्शन करते हुए युवाओं का झुण्ड कोर्ट चौराहा पहुंच गया जहां मेडीकल कॉलेज के सामने प्रदर्शन किया व अंदर जाने का प्रयास किया लेकिन तैनात पुलिस ने रोका तथा हल्का बल का प्रयोग भी किया इससे उत्तेजित युवाओं ने एक लाल बत्ती कार को रोक कांच तोड दिये लेकिन तुरन्त ही क्षत्रिय समाज व अन्य समाज के पदाधिकारियों ने आकर स्थिती को संभाला और युवाओं को शांत कर पुन:भेजा।
सभा के दौरान क्षत्रिय महासभा के तेज ङ्क्षसह बांसी, मनोहर ङ्क्षसह कृष्णावत कांग्रेस के लाल ङ्क्षसह झाला ने प्रशासन को आगाह किया कि यदि आरोपी डाक्टरों के खिलाप* निलम्बन की कार्यवाही नहीं हुई और मरीज के परिजनों पर राजकार्य में बाधा का मुकदमा वापस नहीं लिया तो कल से कलेक्ट्री के बाहर तीन दिन तक धरना रहेगा जिसमें सभी संगठन भाग लेगें और यदि पि*र भी मांगे नहीं मानी तो उदयपुर बंद कराया जाएगा जिसमें कानुन व्यवस्था बिगडती हे तो जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। शहर विधायक गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि आंदोलन को अब निर्णय पर पहुंचा कर ही दम लेगेें। बार एसोसिएशन के भरत जोशी ने कहा कि अब रेजीडेन्ट डाक्टरों का अत्याचार नहीं सहन नहीं किया जाएगा। मुस्लिम समुदाय के वत्त*ा मुश्ताक चंचल ने चेतावनी देते हुए कहा कि मरीजों ओर उनके परिजनों पर अब जुल्म बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बोहरा समाज के मुस्तप*ा हुसैन ने भी डाक्टरों का विरोध किया। नगर परिषद सभापति रजनी डांगी ने कहा कि डाक्टरों को भगवान का दर्जा दिया है ओर वे अपने कृत्य से यह दर्जा खत्म कर रहे है।