जेल प्रशसन नही रहा संवेदनशील
जेल के डीआईजी अंसार एहमद फारूकी ने किया मौका मुआयना
बांसवाडा, जिला जेल में मंगलवार सुबह 4 बजे हत्या के मामले मे न्यायिक अभिरक्षा भुगत रहे एक कैदी ने फांसी का फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी। कैदियों ने इसकी सूचना गार्ड को दी और गार्डो ने इसकी सूचना जेलर को दी। बाद मे न्यायिक मजिस्ट्रेट मीनाक्षी मीणा मौके पर पहुंची और उन्होंने घटना स्थल का अवलोकन किया। बांसवाडा यात्रा पर आए हुए जेल के डीआईजी अंसार एहमद फारूकी ने भी मौका मुआयना किया। प्रात: ४ बजे से लेकर प्रात: ९ बजकर ५९ मिनट तक उक्त कैदी का शव लटकता ही रहा। न्यायीक मजिस्ट्रेट एवं डीआईजी के जाने के बाद शव उतारा गया लेकिन शव ले जाने के लिए कोई एम्बुलेंस तैयार नही हुई। बाद मे अंजुमन ईस्लामिया की एम्बुलेंस को बुलाया गया। इस प्रक्रिया मे लगभग १ घंटा बीत गया, इसके बाद शव जब चिकित्सालय के मुर्दाघर मे ले जाया गया तो सुर्पदगी मे भी काफी वक्त लग गया। मृतक का नाम मंगला पुत्र रंगा डामोर निवासी खोखरवा बताया जा रहा है। मंगला ने गत २८ जनवरी को उनके काका जोखा, पिता एवं अपने पत्नी पर तलवार से जानलेवा हमला किया था। इस हमले के बाद उसके काका जोखा की मौत हो गई। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफतार किया था। तब से मंगला जेल में ही है।
संवेदनशील नहीं रहा जेल प्रशासन : इस गंभीर वारदात के बावजूद जेल प्रशासन संवेदनशील नजर नहीं आया। जेलर कुछ भी कहने से बचते रहे और बाद में एम्बुलेंस की व्यवस्था के बहाने निकले और कुशलगढ के लिए प्रस्थान कर गये। जेल में हुए इस घटना क्रम के बाद कैदियों में रोष भी उभर सकता था लेकिन इन परिस्थितियों की अनदेखी करते जेलर डीआईजी के पीछे-पीछे कुशलगढ पहुंचे। ध्यान रहे कि कुछ समय पूर्व से जेल से निकले कुछ लोगों ने गंभीर आरोप लगाये है जिसमेें जेल में मारपीट एवं हप्ता वसुली जैसे आरोप भी शामिल हैं। इसके कुछ समय पूर्व हप्ते की चक्कर में ही एक कैदी को बुरी तरह पीटा गया था। बाद में उसके परिजन न्यायालय मेें गये। न्यायालय में जाने के बाद पीडित का मेडीकल एवं इलाज करवाया गया।