उदयपुर , जिस धूम धाम , और खुशियों से पुरे देश में दिवाली मनाई उसी धूम से उदयपुर में भी दिवाली मनाई गयी , हर घर में खुशिया की बहार कुछ ऐसी आई के शहर के हर घर को रौशनी से जगमगा दिया ,
दिवाली की सुबह से ही सभी लोग लक्ष्मी दर्शन को मंदिर पहुँच गए , और घंटों कतार में खड़े रह कर इंतजार किया , और ये दर्शन का सिलसिला देर रात तक जारी रहा , बाजारों की रोनक सुबह से देखते बनती थी , चाहे फूल की मालाओ की दुकान हो पटाखे की शॉप हो या मिठाई भण्डार हर जगह भीड़ और , मंडी की तो ये हालत थी की पाँव रखने की भी जगह नहीं थी , शाम को शुभ मुहूर्त में सब ने अपने अपने घरों में लक्ष्मी की पूजा की , और रौशनी से सजे बाज़ार देखने निकल पड़े , अश्वनी मार्केट , बापुबज़ार , सूरज पोल , लक्ष्मी मार्केट , शहर का हर मार्केट रौशनी में नहाया हुआ था , हर शॉप के बाहर सजावटकर रखी थी , बापुबज़ार में जगह जगह , अलग अलग प्रोग्राम हो रहे थे कही बच्चों के डांस तो कही मुच्छड़ क्लब की राम राम तो कही बेंड की धून पे नाचते घोड़े , हर शॉप सजी हुई और हर महिला श्रृंगार किये हुए हर पुरुष सजा हुआ मनो एसा लग रहा था की दिवाली की रात ढेरों खुशिया ले कर आई है , और इस खुशियों को दुगुना किया , नगर परिषद् की आतिश बाजी ने , जब आतिश बाजी शुरू हुई तो आसमान रंगीन सितारों से भर उठा , सब ने दिल खोल कर एक दुसरे को दिवाली बधाई दी , हर महिला पुरुष अपने सारे गिले शिकवे भूला कर एक दुसरे के गले मिले , और इन सब के बिच मोबाईल पे sms और कॉल पर बधाई देने का सिलसिला भी ऐसा चला की अभी तक नहीं रुका