उदयपुर। जिला कलेक्टर आशुतोष पेडणेकर ने कहा कि गांवों को त्वरित एवं सुनियोजित विकास सुनिश्चित करने के लिए स्वयं सेवी संस्थान एवं सरकारी तंत्र को एकजुट होकर परस्पर सहयोग को बढ़ावा देने की जरूरत है। जिला कलेक्टर गुरुवार को जिला परिषद सभागार में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आजीविका को लेकर उदयपुर जिले के अग्रणी गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। जिला कलेक्टर ने कहा कि बेरोजगार युवाओं की हमारे सामने बहुत बड़ी चुनौती है। कई योजनाएं सरकार की ओर से स्वरोजगार के लिए संचालित है। युवाओं का इसका पूरा-पूरा लाभ देकर आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है। कलेक्टर ने बेहतर स्वास्थ्य, सुरक्षित प्रसव, मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी जैसे मुद्दों पर एनजीओं से चर्चा करते हुए कहा कि इसके लिए जन-जागरूकता लानी होगी।
बैठक में यूनिसेफ की अनुपमा जैन ने कहा कि स्थानीय मांग एवं संसाधनों पर आधारित समीक्षा की जानी चाहिए, ताकि उनका चिह्नीकरण कर व्यावहारिक हल निकाला जा सके। जिला कलेक्टर ने एनजीओ का एक प्रपत्र जारी करते हुए विकास के लिए उनके सुझाव मांगे। बैठक में उपखंड अधिकारी (गिर्वा) अभिमन्यु कुमार, प्रशिक्षु आईएएस, जिला साक्षरता अधिकारी मोहनलाल धोबी, सीएमएचओ डॉ. आरएन बैरवा, समाजसेवी गणेश डागलिया, आस्था संस्थान के अश्विनी पालीवाल, एसजेएसआरवाई की परियोजना अधिकारी अर्चना रांका, अनुपमा जैन सहित अन्य अधिकारी एवं एनजीओ प्रतिनिधि मौजूद थे।