अन्ना फीवर बढ़ता ही जा रहा हे. सारा विश्व अब अन्ना मुहीम के साथ जुट गया हे. हाल ही में मेलबर्न में भारतीय दूतावास के सामने भारतियों ने अन्ना के लिए धरना प्रदर्शन किया . इसका नेतृत्व रवि शर्मा द्वारा १९ अगस्त से २१ अगस्त तक चला. मेलबर्न में चली इस ३ दिवसीय अन्नागिरी की कुछ झालिकियन और लोगों के विचार कुछ इस प्रकार हैं.
“हम भारतियों के मन की ज्वाला तब तक नहीं बुझेगी जब तक जन लोकपाल बिल पास नहीं होता .” इसी गूंज के साथ मेलबर्न में रहने वाले भारतीय ३ दिन तक इंडियन एम्बेसी के सामने केंडल जला के एकत्रित हुए. रवि शर्मा और उनकी टीम, अनिकेत, राहुल रूद्र, साक्षी,सौरव और अभिषेक ने मिल के एक भारतीय होने के नाते भारत से मीलों दूर रहते हुए भी भारत की इस मुहीम को आगे बाधा के ये संकेत दिया हे के हम भले कोसो दूर ही सही, भारत हमारा भी हे..
इन सभी का कहना था के बिल का पास होना शुरुवात होगी , उसके बाद हर एक भारतीय का कर्तव्य होगा के वो अपने परिवार और आस पास में जागरूकता बढ़ाये. अधिकारों के साथ कर्तव्यों का पालन करना भी एक देश के समूचे विकास के लिए आवश्यक है.
“ये मुहीम अन्ना हजारे को सम्मान और सपोर्ट देने का तरीका है. इस लड़ाई में हम सब एक हैं.” कहना हे रवि शर्मा का. ”
१९४७ की स्वतंत्रता के बाद गाँधी जी आधा कम कर गये, पर उनके जाने के बाद भारत भ्रष्टाचार से भर गया, हमे एक सही लीडर की ज़रूरत थी और अन्ना हमारे गाँधी पार्ट २ हैं.” कहना हे कुमार का
“मैं अपने बेटे को एक भर्ष्टाचार मुक्त भारत में बड़ा होते हुए देखना चाहता हु इसीलिए आज इस मुहीम को सपोर्ट करने आया हु” ये कहना हे प्रवीण का.
रूद्रा जो के एक इंडियन ऑस्ट्रलियन हैं ने कहा के “आज मैं अन्ना हजारे को सपोर्ट देने आया हु.”भारतीय औस्त्रलिंस का मेलबर्न में अन्ना के लिए मुहीम करना क्या कारगर होगा?
इस्पे मुंबई के मुकुंद का कहना हे के, “हम घर में बैठ के आलोचना करने से कुछ नहीं होने वाला, हमे एक होना पड़ेगा तब ही इसका समाधान होगा. और उसी एकता को बढ़ावा देने के लिए आज मैं यहाँ आया हु”. सुरमुख का कहना हे के ये भर्ष्टाचार अपनी जडें इतनी फैला चूका है के एक विशाल वृक्ष का रूप ले चूका है, हमे इतने बड़े वृक्ष को काटने के लिए करोड़ों लोगों का साथ चाहिए.