इशरत जहाँ का मामला सीबीआई के हवाले

Date:

गुजरात में फ़र्ज़ी मुठभेड़ के मामलों में राज्य सरकार को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है.

 जहां हाई कोर्ट ने इशरत जहां मुठभेड़ मामले की जांच गुरुवार को केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में राज्य सरकार को इस बात के लिए फटकार लगाई कि वो सीबीआई को मामले से जुड़े सीडी नहीं सौंप रही है. ये दोनों ऐसे मामले हैं जिसे लेकर गुजरात सरकार की लगातार किरकिरी होती रही है.

सोहराबुद्दीन फ़र्ज़ी मुठभेड़ के मामले में तो कई आला पुलिस अधिकारियों को जेल जाना पड़ा है. हालांकि गुजरात सरकार लगातार कहती रही है कि मुठभेड़ फ़र्ज़ी नहीं थी. मानवाधिकार संगठन और इन लोगों के परिजन गुजरात सरकार के दावे को चुनौती देते रहे हैं.

 इशरत जहाँ का मामला

इशरत जहां का मामला 2004 का है जिसमें पुलिसकर्मियों ने एक कथित मुठभेड़ में इशरत समेत चार लोगों को मार दिया था. गुजरात हाई कोर्ट का कहना था कि इस मामले में स्थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता इसलिए यह मामला सीबीआई को सौंप दिया जाए. गुजरात पुलिस ने कहा था कि ये चारों पाकिस्तान स्थित चरमपंथी गुट का हिस्सा हैं और ये मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की योजना बना रहे थे. हालांकि कोर्ट में मामला आने के बाद कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई और इस समिति ने अपनी जांच में इस मुठभेड़ को फ़र्ज़ी करार दिया था. मानवाधिकार संगठन लगातार ये कहते रहे हैं कि गुजरात में कई मामलों में फ़र्ज़ी मुठभेड़ हुए हैं और लोगों को मार दिया गया. गुरुवार को सीबीआई के लिए आदेश जारी करते हुए कोर्ट ने कहा कि इशरत जहां का मामला अलग तरह का है और इस मामले के राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव पड़ सकता है. पिछले महीने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजीव रंजन वर्मा की अध्यक्षता वाली विशेष जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपी थी.

इस रिपोर्ट के अनुसार जो सबूत मिले हैं उसके आधार पर यही कहा जा सकता है कि इशरत और अन्य तीन लोगों की मौत 15 जून 2004 को नहीं हुई थी. पुलिस का दावा है कि उन्होंने इसी दिन मुठभेड़ में चार लोगों को मारा था. इस मामले में कोर्ट ने जांच एजेंसी से नया मामला दायर करने और पुलिसवालों के ख़िलाफ़ आरोप तय करने के निर्देश भी दिए हैं. मामले में कम से कम दो दर्जन पुलिसकर्मी लिप्त बताए जाते हैं. विशेष जांच टीम के अनुसार इस मामले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं. इससे पहले 2009 में भी एक न्यायिक जांच की घोषणा हुई थी और इस जांच में भी पुलिस की आलोचना की गई थी. जांच में कहा गया था कि पुलिस इन लोगों को गिरफ्तार कर अहमदाबाद ले गई और वहां पुलिस कस्टडी में उन्हें मारा गया.

सोहराबुद्दीन शेख मामला

सोहराबुद्दीन को भी कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारा गया था

उधर सोहराबुद्दीन शेख मामले में भी गुजरात सरकार को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार का सामना करना पडा है. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को इस बात के लिए फटकारा कि वो इस मामले में पूर्व गृह राज्य मंत्री अमित शाह और निलंबित आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा के कॉल रिकार्ड्स सीबीआई को क्यों नहीं सौंप रही है. कोर्ट ने सरकार को ये सीडी सौंपने के लिए सात दिसंबर तक का समय दिया है. सीबीआई ने अमित शाह की ज़मानत का विरोध कर रही सीबीआई याचिका पर सुनवाई के दौरान ये आदेश दिए हैं. सीबीआई ने यह भी अपील की है कि सोहराबुद्दीन मुठभेड़ की सुनवाई भी गुजरात से बाहर हो. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार के वकील से कहा, ‘‘मामले में पिछले दस दिन से सुनवाई हो रही है लेकिन अभी भी आप सीडी के मामले में पक्के तौर पर कुछ नहीं कह सकते. ये निराशानजक और गंभीर मामला है.’’

सुनवाई के दौरान वकील ने कहा था कि वो सीडी के बारे में खोजबीन करके जानकारी देंगे जिसके बाद कोर्ट ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई. हालांकि कोर्ट ने सीबीआई की भी कड़ी आलोचना की थी. कोर्ट का कहना था कि सीबीआई का काम संतोषजनक नहीं रहा है और जांच में देरी हो रही है. सीडी का मामला कोर्ट की मदद कर रहे वकील गोपाल सुब्रहमण्यम ने उठाया था. उन्होंने बताया कि गुजरात सरकार ने अभी तक ये सीडी उपलब्ध नहीं करवाए हैं और सरकार का कहना है कि ये सीडी तुलसीराम प्रजापति मुठभेड़ मामले से जुड़े हुए हैं. सोहराबुद्दीन शेख का मामला भी फ़र्ज़ी मुठभेड़ का बताया जाता है और कहा जाता है कि इसमें गुजरात के गृह राज्य मंत्री अमित शाह का हाथ था. सोहराबुद्दीन एक अपराधी थे लेकिन पुलिस ने उन्हें लश्कर ए तैयबा का चरमपंथी करार देते हुए एक मुठभेड़ में मार गिराया था.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Пин Ап казино делать онлайн должностной журнал Pin Up casino

Их вдобавок необходимо будет вернуть в равной мере, в...

Pin-Upwards Places and Distributions: Desk out of limitations and you may payments

Fashion for example fake cleverness and you may machine...

Казино Пинко должностной веб-журнал, гелиостат, рабочая ссылка, приняться

Дополнение довольно вежливо быть на ходу только у подключении...

Как выиграть в казино онлайн а как обыграть во вебе вдобавок получить прибыль

Установить его нужно на сайтиках должностных производителей. Вдобавок как...