आयड नदी की खूबसूरती पर प्रशासन की बैठक

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३ माह में सौंपी जाएगी डीपीआर की अन्तरिम रिपोर्ट

ayad river

उदयपुर, उदयपुर शहर के मध्य से गुजर रही आयड नदी को प्रदूषण मुक्त करने और इसके सौन्दर्यकरण को लेकर सोमवार को जिला कलक्टर एवं कार्यकारी एजेन्सी वेपकोस कम्पनी के प्रतिनिधियों एवं सम्बन्धित अधिकारियों के बीच हुई बैठक में महत्वपूर्ण लिये गये । कार्यकारी एजेन्सी आगामी ३ माह में डीपीआर की अन्तरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

बैठक में जिला कलक्टर विकास एस.भाले ने कहा कि उदयपुर में आने वाले पर्यटकों के लिये आयड नदी महत्वपूर्ण हैं इसे साफ और सुन्दर बनाना आज की जरूरत है। इसे अतिक्रमण मुक्त करने तथा प्रदूषणमुक्त करना भी शहर के हित में है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में उच्चतम न्यायालय के भी स्पष्ट दिशा निर्देश हैं।

पॉवर प्रजेन्टेशन के माध्यम से वेपकोस कम्पनी के प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर आर.के.नेभनानी ने बताया कि अब तक आयड नदी के जीर्णोद्घार, सौन्दर्यीकरण एवं प्रदूषण मुक्त करने के लिए जल संसाधन विभाग, यूआईटी एवं नगर परिषद् द्वारा और कई जानकारियां जुटाई जा रही है । उनका कहना है कि नदी की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाई जा रही है । और इसमें करीब ६ माह का समय लगेगा। लेकिन इसकी अन्तरिम रिपोर्ट ३ माह मे उपलब्ध करवा दी जाएगी।

बैठक में नगर विकास प्रन्यास के अध्यक्ष रूपकुमार खुराना ने कहा कि डीपीआर जल्द बनवाई जाए ताकि समय रहते कार्य प्रारम्भ किये जा सकें। उन्होंने कहा कि उदयपुर शहर में आयड नदी का प्रभाव ११ किलोमीटर है और कुल २६ किलोमीटर लम्बी इस नदी में कई स्थानों पर अतिक्रमण के कारण कार्य बाधित हो सकते हैं। इसे देखते हुए जिन क्षेत्रों में यह समस्या नहीं हैं उन स्थलों पर चरणवार कार्य शुरु करवाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि नदी के सर्वांगीण विकास के लिए यूआईटी बजट उपलब्ध करवा सकती है बशर्ते इसका रख-रखाव आदि का कार्य नगर परिषद् करें।

इस अवसर पर नगर परिषद् सभापति श्रीमती रजनी डांगी ने कहा कि नदी से झाडिया एवं सफाई का कार्य नगर परिषद् द्वारा करवाए जाने के प्रयास किए जाएंगे।

नगर विकास प्रन्यास के विशेषाधिकारी प्रदीप सिंह सांगावत, अधीक्षण अभियंता अनिल नेपालिया ने आयड नदी पर विस्तृत जानकारी दी और बताया कि इस पर सर्वे के अनुसार १७२ अतिक्रमणों का चिन्हीकरण किया गया था और सम्बन्धित विभागों के साथ अभियान चलाकर ८६ अतिक्रमण हटा दिये गए हैं। बैठक में श्री नेपालिया को इस परियोजना का नोडल ऑफीसर बनाया गया।

बैठक में विषय विशेषज्ञ जी.पी.सोनी ने भी आवश्यक सुझाव दिये। बैठक में उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि ने बताया कि यदि उन्हें जगह उपलब्ध करवाई जाती है तो वे 25 करोड रुपये तक ट्रीटमेंट प्लांट पर व्यय कर सकते हैं।

इसके अलावा बैठक में नदी को प्रदूषण मुक्त करने, गन्दे पानी के नालों से गिर रहे पानी को उपचारित करने, अतिक्रमण मुक्त करने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर आवश्यक निर्णय लिये गये। इस अवसर पर नगर परिषद् उप सभापति महेन्द्र सिंह, नगर परिषद् आयुक्त सत्यनारायण आचार्य, सहित वेपकोस एजेन्सी के विशेषज्ञ एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारिगण मौजूद थे।

 

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