उदयसागर झील के बैक वाटर का मिला निदान
उदयपुर, अब नहीं डूबेगें किसानों के घर और खेत अब हर बारिश में उदयसागर के बेक वाटर से परेशान रहने वाले कई गांववासियों को राहत मिलने वाली है। झीलों के सुधार व विस्तार के लिए गठित कमेटी ने सिंचाई विभाग के उस प्रस्ताव को पास कर दिया है जिसमे उदयसागर के गेट की चौडाई १५ मीटर से ब$डा कर ३५ मीटर की जायेगी।
हाल में हुई बैठक में यह सामने आया कि उदयसागर का ओवरफ्लो गेट सिर्फ १५ मीटर का है और इसी की वजह से जब बारिश के दिनों में झील ओवर फ्लो हो जाती है तब गेट से जितनी मात्र में पानी निकलना चाहिए उतना नहीं निकलता है और झील के पीछे बसे कानपुर, मादडी, कलडवास आदि गावों के खेतों में और घरों में घुस जाता है और इसी से निपटने के लिए की उदयसागर के पीछे बसे गावों में बाढ की स्थिति पैदा नहीं हो उदयसागर के गेट को १५ मीटर से चौडा कर ३५ मीटर तक करने की योजना सिंचाई विभाग ने बनाई है जिसके लिए आने वाले सा$ढे छह करोड रूपये के खर्च को प्राथमिक रूप से स्वीकृति मिल गयी है। और यूआईटी द्वारा उदयसागर के लिए बनायीं गए ६४ करो$ड रूपये की दी पीआर में शामिल करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
बुधवार को सीएलएम्सी की बैठक में झीलों में लगी जेठियों पर कोई निर्णय नहीं हो पाया। जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त द्वारा बार-बार यह कहा जाता रहा है कि पिछोला और फतहसागर में लगी जेठियों की संख्या घटा कर एक सिंगल जेठी की जायेगी लेकिन बैठक में एक राय नहीं बन पायी क्यों के जेठियों के घटने या आकर छोटा करने से अन्य परेशानियों का सामना भी करना पड सकता है जैसे एक ही जेठी पर कई ठेकेदारों की नावें चलने से झगडे और सीजनके दिनों में पर्यटकों की संख्य बहुत बढ जाने से दुर्घटना आदि की आशंका रहेगी और अव्यवस्था बढ जायेगी इसी विरोध भास् के चलते इस बारे में निर्णय बाद में करने का मानस बनाया।
इसी तरह विभूति पार्क पर बनाने वाले एक्वेरियम का प्रस्ताव भी अटक गया क्यों की यूआईटी अध्यक्ष रूपकुमार खुराना ने एक्वेरियन गैलेरी के लिए किसी भी तरह का बजट देने से साफ तोर पर इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा की हम जगह तैयार कर के दे चुके है अब एक्वेरियम कैसा हो और कैसा बने ये हम नहीं बतायेगे इसके लिए संभागीय आयुक्त ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर बी.आर भाटी और यूआईटी के अधिकारियों की एक कमेटी बनायीं गयी है वह तय कर के बताएगी।