नई दिल्ली.अब कोई भी छात्न देश के किसी दूरदराज इलाके में बैठकर कोई भी परीक्षा आनलाइन दे सकेगा।
मानव संसाधन विकास एवं सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्नी कपिल सिब्बल ने सोमवार को यहां राष्ट्रीय आनलाइन परीक्षा प्रणाली का उद्घाटन किया। यह आनलाइन परीक्षा एक साफ्टवेयर के जरिए संपन्न होगी जिसे नोएडा स्थित सीडैक कंपनी ‘सेंटर फार डेवलपमेंट आफ एडवान्सड् कंप्यूटिंग’ ने तैयार किया है।
इस साफ्टवेयर के जरिए तीस हजार छात्नों की परीक्षा एक साथ पूरे देश में ली जा सकेगी। सीडैक इस साफ्टवेयर को और विकसित करेगा ताकि यह सारी परीक्षाओं के लिए उपयोगी हो सके। इस साफ्टवेयर से कोई भी छात्न परीक्षा के लिए अपना पंजीकरण करा सकता है,परीक्षा दे सकता है और उसका रिजल्ट भी आ जाएगा।
सिब्बल ने इस साफ्टवेयर लांच को ऐतिहासिक घटना बताते हुए कहा कि इस आनलाइन परीक्षा प्रणाली के लागू होने से देश में सभी परीक्षाएं पारदर्शी हो जाएंगी और प्रश्नपत्न लीक होने की घटनाएं नहीं हो पाएंगी एवं दूरदराज इलाकों तक प्रश्नपत्न एवं उत्तर पुस्तिकाएं ले जाने की समस्या भी दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि एक परीक्षा आयोजित करने में कम से कम 50 टन कागज खर्च होता है।
आनलाइन परीक्षा सें कागज भी बच जाएगा और पर्यावरण की भी रक्षा हो पाएगी१ उन्होंने कहा कि यह साफ्टवेयर नियोक्ता एवं छात्नों दोनों के लिए फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि अगर इस साफ्टवेयर को ‘आकाश’ टैबलेट से जोड दिया जाए तो आनलाइन परीक्षा प्रणाली और आसान हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि अभी 25 हजार से अधिक कम्प्यूटर एक स्थान पर एक समय ‘लीज’ पर नहीं लिए जा सकते हैं। लेकिन ‘आकाश’ को इससे जोड़ने पर यह प्रणाली सभी छात्नों के लिए सुगम हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि देश में पांच वर्ष से कम आयु के 49 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं और अस्पतालों में उनका कोई डाटा बेस नहीं है। सूचना प्रोद्यौगिकी के जरिए उनके लिए साफ्टवेयर तैयार कर उनका डाटाबेस बन सकता है। इस तरह स्वच्छता तथा सफाई के बारे में भी डाटाबेस बन सकता है। सिब्बल ने सीडैक से अपील की कि वह लड़कियों,कुपोषित बच्चों तथा स्वच्छता डाटाबेस के लिए भी साफ्टवेयर तैयार करे। इससे आम आदमी को फायदा होगा।
समारोह को केन्द्रीय दूरसंचार राज्य मंत्नी सचिन पायलट,सूचना प्रोद्यौगिकी विभाग के सचिव आर चंद्रशेखर,सीडैक के महानिदेशक प्रो.रजत मूना ने भी संबोधित किया।
पेपर लिक नहीं होने की बात तो अच्छी है. लेकिन हैकर लोगो से जरुर बचाना पेपर नहीं तो कोई फायदा नहीं.