उदयपुर। राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एचआर कुड़ी ने माइंस और खानों में काम करने वाले मजदूरों को होने वाली जानलेवा बीमारियों के बारे में चिंता जताते हुए कहा कि इससे संबंधित सभी विभागों को इस दिशा में सचेत होने की आवश्यकता है। श्रमिकों, खानों के मालिकों और अधिकारियों को पाबंद करने तथा श्रमिकों को जागरूक करने की आवश्यकता है।
एक दिन के उदयपुर प्रवास के दौरान कुड़ी ने माइंस में काम करने वालों को होने वाली बीमारियों को लेकर माइंस अधिकारियों, चिकित्सा अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों की एक बैठक ली। इसमे खान एवं भू-विज्ञान विभाग के निदेशक डॉ. एस. मारू ने बताया कि एसबेस्टस माइंस में काम करने वालों को मुख्यत: सिलिकोसिस नामक बीमारी होती है। मार्बल श्रमिकों को धूल, मिट्टी और मार्बल के पाउडर से लंग्स की बीमारी हो जाती है। इसमें मजदूरों की मृत्यु तक हो जाती है। कुड़ी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा की इसके लिए माइंस मालिकों और अधिकारियों की सेमीनार कर इस बीमारी से बचाव के उपाय सुझाए जाए और मजदूरों को भी जागरूक किया जाए कि वे काम करते वक्त मास्क, हेलमेट और गम बूट आदि का उपयोग नियमित रूप से करे तथा माइंस मालिकों को पाबंद किया जाए कि वे खानों में इस तरह कि सुविधा उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि नियम के खिलाफ कोई भी खान संचालित होती हुई पाई जाए, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
श्री कुड़ी ने कहा कि जिन श्रमिकों को इस तरह की बिमारी हो चुकी है। उनको चिह्नित कर अच्छे से अच्छा इलाज करवाया जाए। मुख्यमंत्री सहायता कोष से उन्हें हर संभव सहायता दिलाई जाए तथा जिन श्रमिकों की इस बीमारी से मृत्यु हो चुकी है। उन्हें सरकार की तरफ से मुआवजा दिलाया जाए।
श्री कुड़ी ने कहा की चाहे माइंस में काम करते हुए मास्क व हेलमेट लगाना हो, दुपहिया वाहन चलाते हुए हेलमेट का प्रयोग हो, या चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट का प्रयोग हो। यह सब खुद की सुरक्षा के साधन है। इनका खुद को ध्यान रखने की तथा जनता को खुद ही जागरूक होने की आवश्यकता है।