अपने चार साल के बेटे को भूख और कुपोषण से मरने देने वाली अमांडा हटन को ब्रिटेन की एक अदालत ने दोषी मानते हुए 15 साल की सज़ा सुनाई है.
बेटे की मौत के बाद अमांडा ने उसके शव को करीब दो साल तक घर में ही सड़ने दिया.
आठ बच्चों की मां 43 वर्षीय अमांडा के चार वर्षीय बेटे हमज़ा ख़ान की दिसंबर 2009 गंभीर कुपोषण के कारण उनके ब्रेडफ़र्ड स्थित घर में मृत्यु हो गई थी.
हमज़ा की मृत्यु के 21 महीने बाद पुलिस ने सितंबर 2011 में अमांडा के घर से शव के अवशेष ज़ब्त किए थे.
अमांडा को सज़ा सुनाते हुए ब्रेडफ़र्ड क्राउन कोर्ट ने कहा कि उसने अपने बेटे को “घातक नुक़सान” पहुंचाया था.
बेटे को न के बराबर खाना
अमांडा के सबसे बड़े बेटे, 24 वर्षीय, तारिक़ ख़ान ने भी हमज़ा को न दफनाने में अमांडा की मदद करने की बात स्वीकार की थी.
अदालत ने उसे इसके लिए दोषी ठहराते हुए दो साल की निलंबित सज़ा सुनाई है.
जूरी को सुनवाई में पता चला कि हमज़ा को न के बराबर खाना दिया जाता था जिससे वह आस्टियोपोरोसिस का शिकार हो गया
छह से नौ महीने तक बुरे हाल में रहने के बाद उसकी मौत हो गई.
अदालत ने सज़ा देने से पहले पांच घंटे तक विचार-विमर्श किया.
अदालत ने हटन को घोर लापरवाही का दोषी माना क्योंकि उसकी निगाह में वह हमज़ा को पर्याप्त पोषण नहीं देती थी.
हमज़ा की मौत को इतने लंबे समय तक रहस्य रखने पर टिप्पणी करते हुए न्यायाधीश ने कहा, “हटन इस बात को लेकर परेशान थी कि लोगों को पता चल जाएगा कि अपने बेटे को उसी ने मारा है.”
भयावह स्थिति में मिला शव
दो सप्ताह तक चले ट्रायल में ये भी पता चला कि हमज़ा का शव शहर के व्हीटन इलाक़े में भयावह स्थिति में पाया गया था.
जिस घर में यह घटना हुई उसी में स्कूल जाने की उम्र वाले हमज़ा के पांच भाई-बहन भी रहते थे.
हटन ने वर्ष 2011 में पांच से 11 साल की उम्र वाले इन बच्चों के साथ भी बाल क्रूरता के आरोप स्वीकार किए.
अभियोजन पक्ष का कहना है कि हमज़ा कुपोषण से इसलिए मरा क्योंकि हटन उस पर बिल्कुल ध्यान नहीं देती थी और शराब के नशे में डूबी रहती थी.
अदालत ने कहा कि हटन ने भूखा रखकर अपने बेटे को मार दिया.
हटन की दलील थी कि वह तो बेटे को खाना देती थी लेकिन वह खाता ही नहीं था और अचानक उसकी मौत हो गई थी.
सड़ता रहा शव
जब पुलिस ने हमज़ा के शव को हटन के बेडरूम में पाया तो उसका शव बहुत ही बुरी हालत में था.
सुनवाई के दौरान पता लगा कि शव पलंग पर क़रीब दो साल तक पड़ा रहा. इसका पता भी तब चला जब पुलिस ने 21 सितंबर 2011 को मकान की तलाशी ली.
पश्चिमी यॉर्कशायर पुलिस की डिप्टी सुपरिटेंडेंट लिसा ग्रिफ़िन की अगुवाई में तलाशी को अंजाम दिया गया था.
उन्होंने अदालत को बताया, ”मैंने अपनी 28 साल की पुलिस सेवा में इस क़दर ख़राब और हृदय विदारक मामला नहीं देखा था.”
उन्होंने कहा कि जब ब्रेडफ़र्ड के इस मकान में हमज़ा के शव को तलाशा गया तो मकान के अंदर जैसा बुरा हाल हो रहा था, वो भी उन्होंने कभी कहीं नहीं देखा.
सो. बी बी सी