पट्टे की मांग को लेकर कच्ची बस्तीवासियों का महापडाव

Date:

उदयपुर, कच्ची बस्ती के लोग शांति एवं कानून व्यवस्था में विश्वास रखते है लेकिन जब उनकी वाजिब मांगों पर कोई सुनवाई नही होती है तो वे अपने अधिकारों को पाने के लिए अपनी जान तक कुर्बान करने को तैयार है और उस समय ऐसा जलजला आएगा कि शासन और तंत्र कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं होंगे।

यह विचार कच्ची बस्ती फैडरेशन, उदयपुर के आव्हान पर उदयपुर की कच्ची बस्तियों के हजारों निवासियों की आमसभा को संबोधित करते हुए पै*डरेशन के महासचिव बी.एल. सिंघवी ने व्यक्त किये।

सिंघवी ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस पार्टी की सरकारों ने पिछले पैंतीस वर्षों में कई बार चुनावों के समय कच्ची बस्तीवासियों को पट्टे देने की घोषणा की लेकिन चुनावों के बाद उन्हें कई तरह के बहाने बनाकर पट्टे नही दिये गये। उन्होंने कहा कि माछला मगरा, भीलू राणा कच्ची बस्ती वन क्षेत्र में हो, नीमचमाता स्कीम स्थित वन भूमि व निर्माण निषेध क्षेत्र हो, नेहरू हॉस्टल के पीछे कथित हॉस्टल जमीन हो, हनुमान कॉलोनी निजी जमीन पर हो, इन सभी बस्तीवासियों को नगर विकास प्रन्यास, उदयपुर व नगर परिषद ने सन् १९८० से लेकर २००० तक सैंकडों लोगों को पट्टे देने के लिए राशि जमा की लेकिन उन्हें पट्टा देने के नाम पर ठगा गया।

कच्ची बस्ती फैडरेशन के अध्यक्ष भंवरलाल बारबर ने कहा कि इस देश को पूंजीपति, बडे अधिकारी, सत्ताधारी दल के नेता एवं मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता गठजोड बनाकर लूट रहे है। लेकिन जब गरीब को उसका हक देने की बात आती है तो कई तरह के झूठे बहाने एवं तकनीकी खामियां निकालकर गरीबों को उनके अधिकारी से वंचित कर देते है लेकिन दूसरी तरफ यदि किसी पूंजीपति के हितों की बात हो तो नीतियां तो छोडो, केन्द्रीय स्तर के मंत्रियों तक को बदल दिया जाता है।

माकपा पार्षद राजेश सिंघवी ने कहा कि राज्य सरकार एवं नगर परिषद उदयपुर का बोर्ड बच्ची बस्तीवासियों को अन्यंत्र बसाने की योजना लेकर आते है लेकिन उनके पीछे उनका असली मकसद कच्ची बस्तीवासियों की जमीन छीनकर पंजीपतियों व भूमाफीयाओं को लाभान्वित करने का होता है लेकिन इसे कच्ची बस्ती वासी तभी स्वीकार नहीं करेंगे और अपनी जान देकर भी अपने आशियाने को बचाने को दृ$ढ संकल्प है। सिंघवी ने कहा कि नगर परिषद का भाजपा बोर्ड नूरा कुश्ती का अखाडा बना हुआ है जहां पर कच्ची बस्तियों को पट्टे देने की मांग कई बार रखी गई लेकिन परिषद बोर्ड की उदासीनता के चलते कच्ची बस्तीवासियों को दूसरे दर्जे का नागरिक समझ उन्हें दरकिनार कर रखा है।

महापडाव के दौरान बी.एल. सिंघवी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल जिला कलेक्टर से मिला और उन्हें सभी कच्ची बस्तीवासियों को पट्टा देने की मांग वाला ज्ञापन देने के साथ ही विभिन्न कच्ची बस्तियों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन देकर निस्तारण की मांग की। साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार से अधिसूचना में संशोधन करते हुए रिव्यू प्रार्थना पत्र पेश कर उदयपुर में झील किनारे बसे लोगों को राहत पहुंचाने की भी मांग की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Take the next step and relate with other couples for hook ups

Take the next step and relate with other couples...

Bisexual relationship: advice for finding love

Bisexual relationship: advice for finding loveIf you're looking for...

Find your perfect match with young fat slut dating

Find your perfect match with young fat slut datingYoung...

BBW Boards Dating: Overloaded With Singles Women

Are you presently some...