उदयपुर। प्रतिपक्ष नेता दिनेश श्रीमाली के नेतृत्व में पार्षदों के एक प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर ३० मई को होने वाली बोर्ड बैठक को महापौर द्वारा मनमर्जी से स्थगित करने के निर्णय को अवैध बताते हुए जल्द से जल्द बोर्ड बैठक आयोजित कराने की मांग की है। प्रवक्ता काजल आदिवाल ने बताया कि ज्ञापन में नगर पालिका अधिनियम के तहत साधारण सभा की बैठक को स्थगित करने का निर्णय अवैध है। ज्ञापन में बताया गया कि ३० मई को आयोजित होने वाली बैठक में समितियों के पुनर्गठन और शहर के विकास के मुद्दों पर चर्चा होनी थी, लेकिन भाजपा बोर्ड के आपसी कलह के कारण यह बैठक अनुचित और अवैध तरीके से स्थगित कर दी गई। आदिवाल ने बताया कि नगर पालिका अधिनियम २००९ की धारा ५१ के तहत साधारण सभा की बैठक ६० दिन में बुलाना अनिवार्य होने के साथ ही धारा ५५ के तहत ९० दिन में अगर समितियों का गठन नहीं किया जाता है, तो राज्य सरकार को अधिकार है कि वह अपने स्तर पर समितियों का गठन करे। प्रतिनिधि मंडल में राजेश सिंघवी, मनीष श्रीमाली, डॉ. अब्दुल सलाम, मोहम्मद अयूब, मुस्लिम अली बंदुकवाला, राजेश जैन, नफीसा शेख, प्रतिभा राजोरा, ज्योति टांक, लोकेश गौड़, बाबूलाल घावरी, भरत आमेटा, कैलाश साहू, शिप्रा उपाध्याय शामिल थे।
समितियों के गठन के निर्देश : प्रतिनिधि मंडल से वार्ता करते हुए कलेक्टर विकास भाले ने नगर निगम के आयुक्त एसएम आचार्य को बुलाया और उनसे चर्चा करते हुए शहर के विकास कार्य प्रभावित होने से तत्काल प्रभाव से कमेटियों का गठन करने के लिए उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।