निर्माण निषेध क्षेत्र मे निर्माण ध्वस्त का मामला
प्रभावित लोगों ने निकाली रैली
हाईकोर्ट में भी उपलब्ध नहीं अवैध निर्माण की सूची
उदयपुर, कोर्ट के आदेश आ गये निर्माण निषेध क्षेत्र में निर्माण ना हो पूरा दिन जुबां पर यही चर्चा रही अब हजारों मकानों का क्या होगा जो निषेध क्षेत्र में है। आज जनता के हितो की बात करने वाले यूआईटी ओर नगर परिषद इन्होंने ही जनता को इस निषेध क्षेत्र की आग में झोंका है। अम्बामाता क्षेत्र में सैकडो प्रभावितों ने रैली निकाली।
जब से हाईकोर्ट ने निर्माण निषेध क्षेत्र में निर्माण ध्वस्त करने के फैसले दिए थे और ४१ मकानों के आदेश थे तब से शहरवासी उन ४१ नामों की सूची का इंतजार कर रहे थे लेकिन हाईकोर्ट के पास ऐसी कोई सूची है या नहीं। हाईकोर्ट ने राजेन्द्र राजदान की याचिका पर अपना फैसला सुनाया है राजदान ने भी ऐसी कोई सूचि नहीं दी थी उन्होंने होटलों का जो अवेध निर्माण हो रहा है उनको जरूर इंगित किया था। सूचि तो हाईकोर्ट ने नगर परिषद और यूआईटी से मांगी थी कि निर्माण निषेध क्षेत्र में कितने अवैध निर्माण है उसकी सूची भेजी इन दोनो जिम्मेदार ने बिना सोचे समझे जो शिकायत में पेडिंग नाम थे उनकी सूची भेज दी जिससे ऐसे कई नाम है जिनका मकान पिछले २० सालों से बना हुआ है।
निर्माण निषेध क्षेत्र आखिर सीमा और परिभाषा क्या है : निर्माण निषेध क्षेत्र में निर्माण नहीं होना चाहिए आखिर कोई बताएगा कि निर्माण निषेध क्षेत्र कहां तक है। पिछोला, प*तहसागर, आखिर कहां है सीमांकन ना तो कभी नगर परिषद यूआइटी ने आज तक कोई सीमांकन नहीं किया कि निर्माण निषेध क्षेत्र कहां-कहां तक है इसका मापदण्ड कुछ नहीं है। ५०० मीटर का दायरा में निर्माण नहीं होना चाहिए तो फिर उस पांच सौ मीटर के दायरे का सीमांकन क्यों नहीं किया गया। जिस निर्माण निषेध क्षेत्र की बात परिषद ओर यूआईटी करती है वहां एक दर्जन कॉलोनियों में ७ से ९ हजार मकान बने हुए है। अगर यहां निर्माण निषेध क्षेत्र थे तो क्यों यहां कॉलोनियां कर दी इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है। उदयपुर की जनता को यही फिक्र है और इस बात को लेकर जनप्रतिनिधि और अधिकारी जनता के हितों की बात कर रहे है जिन्होने जनता को इस आग में झोंका ओर अब या तो तमाशाबीन बने हुए है या झूठे वादे किये जा रहे है।
प्रभावित सैकडों लोगों ने अम्बामाता क्षेत्र में रैली निकाली जो कि मल्लातलाई, ब्रह्मपोल होते हुए जगदीश चौंक पहुंची। स्थानिय पार्षद कमलेश जावरिया ने कहाकि में जनता के लिए लडूंगा और विधिक राय लेकर आगे की कार्यवाही की जाएगी।