उदयपुर, 16 अगस्त।कड़वे प्रवचन शृंखला की अंतर्गत सायं कालीन सांस्क्रतिक आयोजन में मंगलवार को एक शाम देश के नाम विराट कवि सम्मेलन का आयोजन श्री महावीर युवा मंच संस्थान के बैनर तले हुआ।
सूत्रधार उदयपुर के राव अजात शत्रु ने ठंडा-ठंडा कूल-कूल, अन्ना हजारे वण्डरफूल। ये आंखें अब कोई सपना नहीं देखे तो क्या देखे, तरूण पलको को में तो कवल तरूण सागर समाए हैं सुनाकर ठसाठस भरे सभागार को मंत्रमुग्ध कर दिया। लखनऊ की शिखा श्रीवास्तव ने मस्जिद नहीं होती, ये शिवाला नहीं होता हर दिल में महोबत का उजाला नहीं होता, उस दिल को जमाने में कोई कीमत नहीं होती, जिस दिल का कोई चाहनेवाला नहीं होता। कविता सुनाकर दर्शको की खूब वाहवाही लूटी। शक्करगढ़ के राजकुमार बादल ने लाखेणी जिन्दगाणी झण्डु बाम होरी जी, सब जाणे छे मुन्नी क्यू बदनाम होरी जी सुनाकर खूब दाद बटोरी। क्वेटा की निशामुनि गौड़ ने ना धर्मों की सुनी कभी, ना मानी इमान की, केसी हालत कर दी तुमने मेरे हिन्दुस्तान की। सूर, मीरां, कबीरा, जायसी, रसखान की धरती, शहीदों की इबादत है, ये हिन्दुस्तान की धरती कविता प्रस्तुत की। मावली के मनोज गुर्जर ने घोड़ा ऐला मेला फररिया, न गदेड़ा चुनाव लड़रिया कविता सुनाई। काकरोली के सम्पत सुरीला ने मेरे माता-पिता की ताई कीसी से अब क्या कहना के साथ ही कई फिल्मों की पेरोडियां प्रस्तुत की। कवि सम्मेलन का आरंभिक संचालन सोनिका जैन ने कीया। संरक्षक राजकुमार फकतावत ने संस्थान की गतिविधियों की जानकारी दी। अध्यक्ष श्याम नागोरी ने शॉल, माला एवं स्मृति चिन्ह से अतिथियों का स्वागत कीया। महामंत्री चन्द्रप्रकाश चोर्डिया ने आभार प्रदर्शन कीया।