उदयपुर , मुहर्रम की नवीं तारीख की रात 1 .47 को छड़ी मिलन सलामी की रस्म अदा हुई | बरसो से चली आ रही परंपरा के अनुसार भडभूजा घटी पर मेवाफरोश और नायकों की छड़ी का मिलन हुआ इसके बाद मेवाफरोश के ताजिये और नायको की छड़ी की सलामी की रस्म अदा हुई | रात ११ बजे से ही भडभूजा घाटी पर मेले सा माहोल था | आस पास की दुकानों और मकानों पर महिलाओं और बच्चो की भीड़ जमा थी |
नवी की रात को चेतक धोली बावड़ी , अलीपुरा के बड़े ताजिये जियारत के लिए लाइटों से सजा कर मस्जिदों के बहार रखे गए देर रात तक इन मोहल्लो में मेले सा माहोल रहा , जगह जगह सबिलों का इंतजाम रहा |