उदयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तिथि (एक दिसंबर, २०१३) की घोषणा के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है, जिससे कई सारी बातों को छोड़कर चुनाव-चर्चा ने विशेष प्रमुखता प्राप्त कर ली है। इस चर्चा में सर्व प्रथम हम उदयपुर जिले की आठ सीटों का वर्तमान क्रसिनेरियोञ्ज प्रस्तुत कर रहे हैं।
उदयपुर: यह सीट भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया के पास है। इन्हें टक्कर देने के लिए कांग्रेस के पास लालसिंह झाला, नीलिमा सुखाडिय़ा और सुरेश श्रीमाली ही सर्वाधिक मजबूत प्रत्याशी माने गए हैं। फिर भी इनकी जीत सुनिश्चित नहीं हैं।
उदयपुर (ग्रामीण): इस सीट पर कांग्रेस की श्रीमती सज्जन कटारा बैठी हुई है। दावेदारी देवेंद्र मीणा ने भी की है। इनको चुनौती देने के लिए भाजपा के पास श्रीमती वंदना मीणा को ही टिकाऊ उम्मीदवार माना जा रहा है। सज्जन कटारा यह सीट निकाल सकती है।
सलूंबर: इस सीट पर कांग्रेस की श्रीमती बसंती देवी मीणा बैठी हुई है, ये सांसद रघुवीर मीणा की पत्नी है। यहां से रघुवीर मीणा व रेशमा मीणा की दावेदारी को ठीक माना गया है, जिन्हें भाजपा के अर्जुनलाल मीणा अथवा अमृत मीणा टक्कर देने के लिए तैयार बैठे हैं। वैसे रघुवीर मीणा यह सीट निकाल सकते हैं।
गोगुंदा: इस आरक्षित सीट से पिछले चुनाव में कांग्रेस के मांगीलाल गरासिया ने विजयश्री हासिल करके राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त किया है। श्री गरासिया को लोहे के चने चबवाने के लिए भाजपा में महावीर भागोरा और चुन्नीलाल गरासिया का दावा ठीक माना गया है। इस सीट पर कड़ी टक्कर रहेगी।
खेरवाड़ा: इस आरक्षित सीट पर कांग्रेस के डॉ. दयाराम परमार का वर्चस्व है। इनको टक्कर देने के लिए भाजपा के पास नानालाल अहारी ही एकमात्र विकल्प है। यहां कांग्रेस मजबूत है।
वल्लभनगर: यह सीट वर्तमान में कांग्रेस के गजेंद्रसिंह शक्तावत के पास है, जो राजस्थान सरकार के सचेतक है। इनके अलावा सूरजमल मेनारिया और अशोक जैन ने भी मजबूत दावेदारी पेश की है। दूसरी तरफ भाजपा के आकाश वागरेचा, गीता पटेल और रणधीरसिंह भींडर ने चुनौती स्वीकार की है। यहां कांग्रेस की हालत पतली है।
मावली: यह सीट कांग्रेस के पुष्कर डांगी के पास है, जिनका क्षेत्र में काफी विरोध है। इनके अलावा कांग्रेस के पास शांतिलाल चंडालिया और गोपाल सिंह का विकल्प मौजूद है। उधर, भाजपा के पास धर्मनारायण जोशी और शांतिलाल चपलोत ही ऐसे प्रत्याशी हैं, जो यह सीट निकाल सकते हैं।
झाड़ोल: इस आरक्षित सीट पर भाजपा के बाबूलाल खराड़ी विधायक है। इनको कांग्रेस के सुनील भजात और हीरालाल दरंगी में से कोई भी एक चुनौती देने में सक्षम माना जा रहा है। यहां भी कड़ी टक्कर है।
यह प्रारंभिक आकलन है, जिसमें कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर के साथ ही कांग्रेस का पलड़ा अपेक्षाकृत भारी दिखाई पड़ रहा है।