कैसा हो आपका रेज्यूम

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रिपोर्ट-नेहा राज

 उदयपुर , अगर किसी कंपनी में जॉब की रिक्वायरमेंट है तो उस जॉब के लिए उस कंपनी के एच आर के पास कम से कम 1000 रेज्यूम आते हे और एच आर एक रेज्यूम को ज्यादा से ज्यादा २० से ३० सेकंड तक देखता हे अब आप के रेज्यूम के पास ज्यादा से ज्यादा 30 सेकेंड का समय होता हे उस एच आर को प्रभावित करने का तो आप के रेज्यूम में एसा क्या हो की एच आर प्रभवित हो और आप को इंटरव्यू काल करे |

आप का रेज्यूम आप की गैर मोजुदगी में एच आर को प्रभावित करता हे इसलिए रेज्यूम का प्रभावशाली होना बोहत जरूरी हे आइये जानते हे के किस तरह आप का रेज्यूम प्रभावशाली बनता है

विवरण पूरा हो लेकिन छोटा हो

रेज्यूम के लेफ्ट में ऊपर सबसे पहले अपना नाम और इ मेल और फोन नंबर लिखे कई लोग नाम के साथ ही जेंडर भी लिख देते हैं ऎसा न करें। जेंडर व्यक्तिगत सूचना वाले कॉलम में लिखें। रेज्युमे में ऎसी आईडी न दें जो देखने में अजीब लगे। आईडी बिल्कुल सादा होनी चाहिए।

 अड्रेस: पत्राचार हेतु पता

टॉप राइट साइड में हमेशा पत्राचार करने हेतु वाला पता दिया जाना चाहिए। इससे रिक्रूटर को पत्राचार करने में सुविधा होती है। उसे इसे रेज्यूमे में तलाशना नहीं पढ़ता है।

ऑब्जेक्टिव: साफ और स्पष्ट

ऑब्जेक्टिव हमेशा छोटा, सादा और सीधा हो। साफ और कम शब्दों में यह बताएं कि आप कंपनी के लिए कैसे फायदेमंद हो सकते हैं। इसके लिए अपनी स्किल्स का हवाला दे सकते हैं।

 शैक्षिक योग्यता: टू द प्वाइंट

योग्यता बताते वक्त रिवर्स कोनोलॉजी

का इस्तेमाल करे। लेटेस्ट `ॉलिफिकेशन सबसे पहले लिखें और फिर नीचे की तरफ बढ़ते जाएं।इसका उल्लेख करते समय यह ध्यान रखें कि आप किसी पोस्ट के एप्लाय कर रहे हैं।

 अनुभव: संक्षिप्त और क्रमानुसार

कुल अनुभव वर्षो में बता सकते हैं। अनुभव के बारे में बताते हुए जिस कंपनी में अभी काम कर रहे हैं, वह सबसे ऊपर, उसके बाद उससे पहले के अनुभवों का जिक्र करें। इसके अलावा निभाए गए अहम प्रॉजेक्ट्स का जिक्र कर सकते हैं।

 व्यक्तिगत सूचनाएं:

रेज्युमे के सबसे अंत में आप अपने पिता और माता का नाम, डेट ऑफ बर्थ, मैरिटल स्टेटस भी देना चाहिए। डेट ऑफ बर्थ बताते वक्त साथ में यह भी लिख दें कि वर्तमान में आप कितने वर्ष के हैं।

सिर्फ बर्थ ईयर से आपकी उम्र पता करने में कैलकुलेशन करनी होगी, जिसके लिए एम्प्लॉयर के पास वक्त नहीं होता। इसी तरह मैरिटल स्टेटस की जानकारी भी देनी चाहिए। इसके अलावा अपनी रूचियों का विवरण भी देना चाहिए।परमानेंट अड्रेस भी देना चाहिए।

इनका ध्यान रखे हर दम

1. फॉन्ट का प्रयोग

याद रखें कि पूरे रेज्युमे में ज्यादा से ज्यादा दो फॉन्ट का ही प्रयोग करना चाहिए। फॉन्ट साइज आसानी से पढ़ने में आना चाहिए। इसे 10 रख सकते हैं।

 2. बोल्ड ,अंडरलाइन, इटैलिक

शब्दों को बोल्ड, अंडरलाइन या इटैलिक जरूरत से ज्यादा न करें। वाक्यों के बीच गैप भी ठीकठाक हो। याद रखिए एम्प्लॉयर को अगर उन्हें पढ़ने में दिक्कत हुई तो उन्हें आगे बढ़ते देर नहीं लगती।

 3. आकार

रेज्यूमे का आकार इंडस्ट्री और अनुभव पर निर्भर करता है। दो पेज से बडे रेज्यूमे बनाने से बचना चाहिए।

 4. सीधी सपाट हो भाषा

पूरे रेज्युमे की भाषा सीधी और सपाट रखें। तथ्यों को गोलमोल घुमाकर न रखें।

 5. ज्यादा मैं,मैं नहीं

आई, माई, मी जैसे शब्दों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल न करें। अपने बारे में ज्यादा बखान करने का रिक्रूटर पर बैड इंप्रेशन पड़ता है।

 6. रेफरेंस कहने पर ही दें

रेफरेंस का जिक्र तब तक न करें, जब तक निर्देश न दिए गए हो। ऎसे लोगों को तैयार जरूर रखें, जो आपको अच्छी तरह जानते हों। मांगने पर उनका जिक्र करें ,साथ उनका संपर्क नबंर भी दें।

 7. ग्रामर व स्पेलिंग गलत न हो

स्पेलिंग पूरी लिखें। प्रूफ रीडिंग जरूर करा लें। पंच्चुएशन का खास ध्यान रखें। ग्रामर के मामले में बहुत सावधान रहने की जरूरत है।

 8. फोटो न लगाएं

फोटो न लगाएं क्योंकि जिस साइज में आप फोटो पेस्ट करेंगे, वह न तो क्वालिटी में अच्छा आएगा और न देखने में। जाहिर है इसका अच्छा इंप्रेशन भी नहीं पड़ेगा।

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