उदयपुर,। पशुओं के योन रोगों की जांच हेतु क्षेत्रिय पशुरोग निदान केन्द्र उदयपुर में राज्य स्तरीय सुविधाएं विकसित की जा रही है । उदयपुर की प्रयोगशाला को इस सम्बन्ध में राज्य स्तरीय नोडल एजेन्सी नियुत्त* किया गया है। उदयपुर में पुरे राज्य के साण्डो की जांच की जायेगी।
इसके लिए राज्य स्तरीय स्टेण्डर्ड ओपरेटिव प*ोर स्क्रीनिंग ऑप* बिल्डिंग बुल्स प*ोर सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज विषयक दो दिवसीय प्रशिक्षण चेटक सर्कल स्थित क्षेत्रीय पशुरोग निदान केन्द्र उदयपुर में प्रांरभ हुआ इस प्रशिक्षण में संभाग स्तरीय रोग निदान केन्द्रों पर कार्यरत अधिकारी व कर्मचारी भाग ले रहे है। प्रशिक्षण के प्रथम चरण में राज्य रोग निदान केन्द्र जयपुर तथा राज्य की संभाग स्तरीय प्रयोगशालाओं के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया जायेगा द्वितीय चरण मे जिला रोग निदान इकाईयों के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। मुख्य रूप से राजस्थान में ६ पशु योग रोग विशेष महत्व रखते है। ये है बुसेलोसिस, आईबीआर ट्राइकोमोनियोसिस, टीबी पेराटयूबरकुलोसिस तथा केम्पालोबेटियोसिस। प्रशिक्षण के संदर्भ में पशुपालन निदेशक डा.राजेन्द्र मान ने बताया कि इस कार्य हेतु उदयपुर को राज्य स्तरीय प्रयोगशाला व नोडल एजेंसी का दर्जा दिया गया है। संयुत्त* निदेशक डा.भवानी ङ्क्षसह राठौड ने इन रोगों की त्वरित जांच को अत्यन्त महत्वपूर्ण बताया तथा कहा कि इससे पशु पालकों को भारी आर्थिक हानि से बचाया जा सकता है।