आगरा में ताज महल के पास हुए जोरदार धमाके में दो लोगों की मौत हो गई। खबर फैलते ही पुलिस की जांच टीमें मौके पर पहुंच गईं और सरकार ने यह कहकर संतुष्टि कर ली, कि ताज को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। लेकिन अगर सरकार समय पर नहीं चेती, तो आगरा के कबाड़खानों में ऐसे धमाके और भी हो सकते हैं। यही नहीं पश्चिम उप्र खासतौर पर गाजियाबाद के इलाके में इस तरह के विस्फोट होने की आशंका लगातार बनी रहती है। दरअसल भारत में लोहे का काम करने वाली कई बड़ी कंपनियां विदेशों से स्क्रैब मंगाती है।
लोहे का यह कबाड़ ज्यादातर पश्चिमी देशों खासतौर पर इजराइल से आता है। यह वहां सेना द्वारा प्रयोग में लाए गए बम और मोर्टार होते हैं। गाजियाबाद के आसपास खासतौर पर गाजियाबाद मेरठ रोड पर पुलिस ने सड़कों के किनारे ऐसे कई बम और मोर्टार बरामद किए है जो जिंदा होते हैं। विदेशों से जब लोहे का कबाड़ भारत में समुद्र के रास्ते लाया जाता है तो भारत पहुंचने पर उसकी बारीकी से जांच नहीं होती।
भारत पहुंचे सैकड़ों टन लोहे के इस कबाड़ को जब बड़ी कंपनियां खरीद लेती है तो वह चुपचाप इस कबाड़ के साथ आए जिंदा बमों को सड़क किनारे फिंकवा देती है या लोकल मार्केट में किसी एंजेट के माध्यम से बेच देती है। आगरा में जो युवक इस कबाड़ को खरीद कर लाया था शायद वह इस सच से वाकिफ नहीं था मोर्टार को तोड़ कर लोहा निकालने के लिए की गई कोशिश उसके लिए जानलेवा साबित हुई।
ज्ञात हो कि ताजगंज क्षेत्र में ताजमहल से कुछ किमी. दूर भीषण धमाके में गुरुवार को दो लोगों की मौत हो गई जबकि एक वृद्धा गंभीर रूप से घायल है। ताजगंज थाना क्षेत्र के गोबर चौकी में रहकर कबाड़ का काम करने वाला छोटू सेना में प्रयुक्त होने वाले मोर्टार को हथौड़े से तोडऩे की कोशिश कर रहा था। जैसे ही मोर्टार की पिन निकली जोरदार धमाका हुआ और छोटू हवा में उछल गया। उसका शव क्षत विक्षत होकर बीस फूट दूर तक जा गिरा। हादसे में पास बैठे राम निवास की भी मौत हो गई कबाड़ कहां से खरीदा गया था, इसकी जांच की जा रही है। साथ ही अन्य कबाड़ का काम करने वालों के यहां भी जांच पड़ताल की जा रही है।